ज़िन्दगी तो सभी के लिए रंगीन किताब है;
फर्क है तो बस इतना कि कोई;
हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है;
और कोई दिल रखने के लिए पन्ने पलट रहा है!
लगता है, आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है;
चलिए छोड़िये, कौन सा पहली दफ़ा है!
फासलें इस कदर हैं आजकल रिश्तों में;
जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में!
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी;
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है!
रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं, जिन्दगी के सफ़र में;
मंजिल तो वहीं है जहाँ, ख्वाहिशें थम जाए!
हाल पूछ लेने से कौन सा हाल ठीक हो जाता है;
बस एक तसल्ली सी हो जाती है कि इस भीड़ भरी दुनिया में कोई अपना भी है।
हर एक लकीर, एक तजुर्बा है जनाब,
झुर्रियां चेहरों पर, यूँ ही आया नही करती।
बड़ी चालाक होती है ये जिंदगी हमारी,
रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है।
हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ए जिंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।
"दरिया" बन कर किसी को डुबोना बहुत आसान है,
मगर "जरिया" बनकर किसी को बचायें तो कोई बात बने।



