कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की!
लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
वक़्त होना चाहिए किसी को मिलने का!
बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है!
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है!
कितनी मासूम और नादान है ये!
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
हंसरते रह जायेगी आपके बिना अधूरी!
ज़िन्दगी न होगी आपके बिना पूरी!
अब और सही जाये न यह दूरी!
जीने के लिये आपका साथ है बहुत ज़रूरी!
कोशिश करो की कोई हम से न रूठे!
जिन्दगी में अपनों का साथ न छूटे!
रिश्ते कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ!
कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे!
फिर न सिमटेगी अगर दोस्ती बिखर जायेगी!
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी!
जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका!
ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है!
कुछ अपने और कुछ बेगाने होते हैं!
प्यार से संवर जाती है जिंदगी!
बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है !
भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया !
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया !
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो !
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !
ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है !
ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है !
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी !
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा!
दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
जी लो ये पल जब तक हम साथ है!
कल का क्या पता हम हो न हो!
धीरे धीरे दिल ने धड़कना सीखा!
धीरे धीरे दिल ने सम्भलना सीखा!
धीरे धीरे हर राह पर चलना सीखा!
और धीरे धीरे हर मौसम में हमने हंसना सीखा!



