फुर्सत में करेंगे तुझसे हिसाब ए ज़िन्दगी;
अभी तो उलझे हैं खुद को सुलझाने में!
वैसे तो इक आँसू भी बहाकर मुझे ले जाए;
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता!
फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;
जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।
भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम;
इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है!
फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;
जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है!
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर;
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर!
ज़िन्दगी वही है जो हम आज जी लें;
कल जो हम जियेंगे, वो उम्मीद होगी!
जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता, मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता;
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त, फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।
हालात -ए-ज़िन्दगी सिखा देती है समझदारी;
वरना बचपन किसे पसंद नहीं है!
ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते और ये ज़िन्दगी;
किसे क्या खबर है, कहाँ टूट जायेंगे!