
उसकी बाहों में सोने का अभी तक शौक है मुझको;
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली!

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है;
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है!

तेरे लिए कभी इस दिल ने बुरा नहीं चाहा;
ये और बात हैं कि मुझे ये साबित करना नहीं आया!

चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई,
चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए,
हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,
माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये!

कुछ ख़ास जानना है तो प्यार कर के देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर के देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना है तो दिल हार कर के देखो!

दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं;
बैचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं!

कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे;
जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे!

कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है;
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है।

मेरी आँखों में झाँकने से पहले,
जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर;
जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी,
और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी!

झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं;
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं!