आँखों में आ जाते हैं आँसू;
फिर भी लबों पे हँसी रखनी पडती है;
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारों;
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पडती है।
सिर्फ बिछड़ जाने से ही तो रिश्ता खतम नहीं होता;
प्यार वो कुआँ है जिसका पानी कभी कम नहीं होता!
जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर;
हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है|
अल्फाज़ अकसर अधूरे ही रह जाते हैं मोहब्बत में;
हर शख़्स किसी ना किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है!
हाथ मिलाओ इस क़दर के दिल में हज़ारों मशालें जल जाएँ;
किसी मुफ़लिस का घर तुम्हारे कर्मों रोशन हो जाए!
एक नजर का झोंका आए, और छू जाए दिल को;
मोहब्बत हो जाने में, वक्त ही कितना लगता है!
इश्क से तबियत ने जीस्त का मजा पाया;
दर्द की दवा पाई दर्द बे-दवा पाया।
पहली मोहब्बत पुराने मुक़द्दमे की तरह होती है;
न ख़त्म होती है और न इन्सान बाइज्जत बरी होता है।
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में;
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में।
हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को;
जो था आइने से नाज़ुक मगर था संगदिल।



