उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं;
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी!
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी;
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!
ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए;
आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!
दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर;
इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं!
एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
हर एक आँसू समंदर नजर आता है;
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है!
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम;
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम!
तकलीफ ये नहीं कि किस्मत ने मुझे धोखा दिया;
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं!
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा;
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा! x
जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने;
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने!
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी,
अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए!



