
रेत पर नाम लिखते नहीं क्योंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं;
लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!

नफरतों के शहर में चालाकियों के डेरे हैं!
यहाँ वो लोग रहते हैं जो तेरे मुँह पर तेरे हैं और मेरे मुँह पर मेरे हैं!

करता नहीं है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;
हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!

करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;
हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!

ये भी एक तमाशा है इश्क और मोहब्बत में;
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है!

सादगी इतनी भी नहीं है अब बाक़ी मुझमें;
कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं!

आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम;
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गए हम!

उसने कहा तुम्हें कौन सा तोहफा दूँ;
मैंने कहा वो शाम जो अभी तक उधार है!

साहिल पे लोग यूँ ही खड़े देखते रहे;
दरिया में हम जो उतरे तो दरिया उतर गया!

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए;
लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए!