इक जहाँ है जिसका मुश्ताक-ए-जमाल;
सख्त हैरत है, वह क्यों रूपोश है!
सख्तियां करता हूँ दिल पर गैर से गाफिल हूँ मैं;
हाय क्या अच्छी कही जालिम हूँ, जाहिल हूँ मैं!
Meaning:
गाफिल - अनजान
मुझ पर इल्ज़ाम झूठा है दोस्तों;
मोहब्बत की नहीं... हो गयी थी!
मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ़ अंधेरे से है;
हवा तो बेवजह ही मेरे ख़िलाफ़ है।
हवा से कह दो कि खुद को आज़मा के दिखाए;
बहुत दीपक बुझाती है कभी जला के दिखाए।
अहमियत यहाँ हैसियत को मिलती है;
हम है कि, जज्बात लिए फिरते हैं।
जादू है या तिलिस्म है तुम्हारी जुबान में;
तुम झूठ कह रहे थे, मुझे ऐतबार था।
Meaning:
तिलिस्म - माया, इंद्रजाल, जादू, दृष्टिबंध, नजरबंदी
प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं;
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं;
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी;
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।
की वफ़ा हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैं;
होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं।
अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी;
तिरा रिन्द गिरते गिरते कहीं फिर संभल न जाए।
समझ में साफ़ आ जाए फ़साहत इस को कहते हैं;
असर हो सुनने वाले पर बलाग़त इस को कहते हैं।
Meaning:
फ़साहत = शुद्ध या अच्छी भाषा
बलाग़त = भाषण



