sms

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा;
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा!

sms

मैं उस के बदन की मुक़द्दस किताब;
निहायत अक़ीदत से पढ़ता रहा!
*मुक़द्दस: पवित्र
*अक़ीदत: श्रद्धा

sms

साहिल के सुकून से किसे इनकार है लेकिन;
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है!
*साहिल: किनारा

sms

अब जो एक हसरत-ए-जवानी है;
उम्र-ए-रफ़्ता की ये निशानी है!

sms

दिन रात मय-कदे में गुज़रती थी ज़िंदगी;
'अख़्तर' वो बे-ख़ुदी के ज़माने किधर गए!
*मय-कदे: शराबख़ाना

sms

यूँ लगे दोस्त तेरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना;
जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना!

sms

भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया;
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।

sms

आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ;
ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज!
*सहरा: रेगिस्तान

sms

ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है;
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।

sms

अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत; नज़र से गिर गए सब ख़ूबसूरत!

End of content

No more pages to load

Next page