मोहब्बत खूबसूरती से नहीं;
मोहब्बत दिल से होती है!
तेरा नाम ही ये दिल रटता है;
ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता है!
क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के;
कुछ यूँ चर्चें हैं, तुम्हारी आँखों के!
न जख्म भरे, न शराब सहारा हुई;
न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई!
तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी;
दोनों को ही एकअदा में रजामंद कर गई!
बहुत ही याद आता है मेरे दिल को तड़पाता है;
वो तेरा पास न होना मुझ को बहुत रुलाता है!
एक शराब की बोतल दबोच रखी है;
तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है!
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर दोस्तों;
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं!
भीड़ में भी तन्हा रहना मुझको सिखा दिया,
तेरी मोहब्बत ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया;
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो,
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप-चाप सहना सिखा दिया!
परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको;
तो बताओ पसंद आई खामोशी मेरी!



