जीवन में सुखी होने के लिए दो शक्तियों की ज़रूरत होती है!
एक सहन शक्ति और दूसरी समझ शक्ति!
मैंने कहा ऐ ज़िन्दगी अपने जुल्म देख और मेरी उम्र देख!
ज़िंदगी: नालायक पहले अपनी हरकतें देख!
जीवन के तीन पड़ाव हैं!
1. जन्म
2. ये क्या हो रहा है
3. मृत्यु
और हम दूसरे पड़ाव पर हैं!
इस जवानी से अच्छा तो बचपन था जब दर्द होता वहीं रो देते,
आजकल तो रोने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है!
लीज पर मिली है ये जिन्दगी,
रजिस्ट्री के चक्कर में ना पड़ें।
जीवन में सबसे कठिन दौर यह नहीं है जब कोई तुम्हें समझता नहीं है;
बल्कि यह तब होता है जब तुम अपने आप को नहीं समझ पाते।
पैसे की दौड़ में पाप धोने को मिले ना मिले;
फिर से जीवन में पुण्य कमाने को मिले ना मिले;
कर लो कर्म दिल से;
क्या पता दोबारा ये जीवन मिले ना मिले।
रोने से किसी को पाया नहीं जाता;
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता;
वक्त सबको मिलता है ज़िंदगी बदलने के लिए;
पर ज़िंदगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए।
मंजिल उन्हीं को मिलती है;
जिनके सपनो में जान होती है;
पंख से कुछ नहीं होता;
हौंसलों से ही उड़ान होती है।
हम अपनी ज़िंदगी में हर किसी को इसीलिए एहमियत देते हैं;
क्योंकि जो अच्छा होगा वो ख़ुशी देगा;
और जो बुरा होगा वो सबक देगा।