सिसकियां ले ले कर रो रहा है शहर; ना जाने खुदा को नींद कैसे आती होगी!
'घास' और 'घूस' कितने मिलते जुलते दिखते हैं... और इनको खाने वाले भी!
आज कल अगर कोई दिन और तारीख भी पूछ लेता है तो दो मिनट सोचकर बताना पड़ता है!
अगर इस समय आप किसी हॉस्पिटल के अंदर या बाहर दवाइयाँ या ऑक्सीजन नहीं ढूंढ रहे तो
यकीन मानिये भगवान की बहुत कृपा है आप पर!
दुनिया ऐसे मुकाम पर है, जहाँ ज़िंदा रहना ही सबसे बड़ी कामयाबी है!
समाज एक ऐसा बाजार है, जहाँ सलाह थोक में और सहयोग ब्याज पर मिलता है।
अफ़सोस इस बात का है कि, अब लोगों से Immunity से ज़्यादा Humanity की कमी हो गयी है!
मुँह ढक ढक कर थक गए हैं वो लोग जो कहते थे औरतों को घूँघट में रहना चाहिए!
सबसे क्रूर तो इंसान ही है, जहाँ किसी के मौत की ख़बर पढ़ने पर हँसने लगता है और लोग वायरस से डरते हैं!
जीवन में सिगरेट, शराब, गुटखे से भी पहले छोड़ने लायक कुछ है तो वो है दूसरों से उम्मीद!
मैंने वो सबसे पहले छोड़ दी!