वेबसाइट 'फीमेलफर्स्ट डॉट कॉ डॉट यूके' के मुताबिक, विदरस्पून ने यह स्वीकार किया कि वह अपने युवा दिनों में अपनी गलतियों से जूझती रहती थी लेकिन अब जब भी वह गलत होती हैं तो अपनी गलतियों को स्वीकार कर लेती हैं।
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा बहुत मुखर थी। लेकिन अब मैंने अपनी गलतियों को स्वीकार करना सीख लिया है।"
विदरस्पून (39) का कहना है कि वह अब गलत साबित होने के डर से अपने विचारों को व्यक्त करने से नहीं चूकती।
उन्होंने कहा, "मैं अब अपनी उम्र के ऐसे पड़ाव पर आ गई हूं जब मुझे अपने विचारों को रखने से डर नहीं लगता। मुझे लगता है कि मेरे दृष्किोण मायने रखता है।"