लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं; लोग सपना देखते हैं, हम हक़ीकत देखते हैं; लोग दुनियां देखते हैं; और हम दोस्त में अपनी दुनियां देखते हैं। |
जब प्यार के एहसास को समझ जाओगे; हर तरफ मेरा ही नाम पाओगे; मेरी मोहब्बत उस वक़्त देगी आवाज़; जब तुम भीड़ में खुद को अकेला पाओगे। |
आँखों के सागर में ये जलन है कैसी; आज दिल को तड़पने की लगन है कैसी; बर्फ की तरह पिघल जाएगी जिंदगी; ये तेरी दूर रहने की कसम है कैसी। |
पानी का एक कतरा आँख से गिरा अभी; क्या तुमने मुझको याद किया अभी; तुझसे मिले ज़माना हुआ मगर; यूँ लगा कोई मुझसे मिल कर गया अभी। |
वो देता है दर्द बस हमी को; क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को; लाखों दीवाने हों जिस के; वो क्या महसूस करेगा एक हमारी कमी को। |
बूँदें बारिश की यूँ ज़मीन पर आने लगी; सोंदी सी महक माटी की जगाने लगी; हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी; वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी। |
आना हमारा किसी को गवारा ना हुआ; हर मुसाफिर ज़िंदगी का सहारा ना हुआ; मिलते हैं बहुत लोग इस तन्हा ज़िंदगी में; पर हर दोस्त आप सा प्यारा ना हुआ। |
दोस्तो् के साथ जीने का एक मौका दे दे, ऐ खुदा; तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे। |
ना वो आ सके, ना हम जा सके; दर्द दिल का किसी को ना सुना सके; यादों को लेकर बैठें हैं आस में उनकी; ना उन्होंने याद किया, ना हम उन्हें भुला सके। |
जीना चाहते हैं पर ज़िंदगी रास नहीं आती; मौत चाहते हैं पर मौत पास नहीं आती; उदास हैं हम इस ज़िंदगी से; पर उसकी यादें तरसाने से बाज़ नहीं आती। |