दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं; तूफानों में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं; यूँ तो मिल जाता है हर कोई; मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं। |
मेरी चाहत में कोई खोट तो नहीं शामिल; फिर क्यों वो बार-बार आज़माए मुझे; दिल उसकी याद से एक पल भी नहीं जुदा; फिर कैसे मुमकिन है वो भूल जाए मुझे। |
हम तो अपने दिल से किसी की याद मिटाते नहीं; इतनी बेरुखी से किसी को भुलाते नहीं; पर अपनी तक़दीर ही ऐसी है; हम लाख चाहकर भी किसी को याद आते नहीं। |
वो याद आए भुलाते-भुलाते; दिल के ज़ख्म उभर आए छुपाते-छुपाते; सिखाया था जिसने गम में मुस्कुराना; उसी ने रुला दिया हँसाते-हँसाते। |
जब आप किसी को चाहो तो ये मत सोचो कि वो आप को पसंद करता है कि नहीं; बस उसे इतना चाहो कि उसे आप के सिवा किसी और की चाहत पसंद ही ना आए। |
बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो; धूप आये तो सरसों पीली न हो; ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि; तेरी याद आये और पलकें गीली न हों। |
चाहो जो मेरी खताओं की सज़ा दो मुझको; पर खता क्या है, ज़रा इतना बता दो मुझको; माफ़ कर दो मुझे, मैंने चाहा है सिर्फ तुमको; इन वफाओं के सिले ऐसी वफ़ा दो मुझको। |
अजब सी बेकरारी है; दिन भी भारी था, रात भी भारी है; अगर मेरा दिल तोड़ना है तो शौंक से तोड़िए; क्योंकि चीज़ ये हमारी नहीं तुम्हारी है। |
यूँ रिश्ता निभाएंगे कि आपकी आँखों में खुद के लिए फिक्र छोड़ जाएंगे; कल हम भले ही हों ना हों; लेकिन आपकी हर एक याद में अपना ज़िक्र छोड़ जाएंगे। |
आसमान से तोड़ कर 'तारा' दिया है; आलम ए तन्हाई में एक शरारा दिया है; मेरी 'किस्मत' भी 'नाज़' करती है मुझे पे; खुदा ने 'दोस्त' ही इतना प्यारा दिया है। |