जब निकलता है कोई दिल में बस जाने के बाद; दर्द कितना होता है बिछड़ जाने के बाद; जो पास होता है उसकी कदर नहीं होती; कमी महसूस होती है दूर जाने के बाद। |
प्यार करने का हुनर हमें नहीं आता; इसलिए प्यार की बाज़ी हम हार गये; हमारी ज़िंदगी से उन्हें बहुत प्यार था; शायद इसलिए वो हमें ज़िंदा ही मार गए। |
याद रूकती नहीं रोक पाने से; दिल मानता नहीं किसी के समझाने से; रुक जाती हैं धड़कनें आपको भूल जाने से; इसलिए आपको याद करते हैं ज़ीने के बहाने से। |
चाह कर भी उसे अपना ना बना सके; इश्क़ करके भी उन्हें ये जता ना सके; दिल था हमारा कोई कागज़ का टुकड़ा नहीं; इसलिए चीर कर कभी दिखा न सके। |
रूठ जाओ कितना भी मना लेंगे; दूर जाओ कितना भी बुला लेंगे; दिल आखिर दिल है सागर की रेत तो नहीं; कि नाम लिखकर उससे मिटा देंगे। |
कब तक खुद को रोक पाएगी; बिना मेरे न वो रह पाएगी; मैं बस जाऊंगा उसकी यादों में इस तरह; कि फिर वो दूसरों को याद करना भूल जाएगी। |
बहेंगी जब सर्द हवाएं; हम खुद को तनहा पाएँगे; एहसास तुम्हारे साथ का; हम कैसे महसूस कर पाएँगे। |
जिया इतना कि मरना मुश्किल हो गया; हँसे इतना कि रोना मुश्किल हो गया; किसी को पाना किस्मत की बात है; चाहा इतना कि भुलाना मुश्किल हो गया। |
दूर हो जाने से रिश्ते नहीं टूटते; ना ही सिर्फ पास रहने से जुड़ते; यह तो दिलों के बंधन हैं; इसीलिए हम तुम्हें और तुम हमें नहीं भूलते। |
ये इश्क़ वालों की क़िस्मत बुरी होती है; हर मुलाक़ात जुदाई से जुडी होती है; कहीं भी देख लेना आज़माकर; सच्चे प्यार को जुदाई ही नसीब होती है। |