जैसे चाँद का काम है रात में रौशनी देना; तारों का काम है बस चमकते रहना; दिल का काम है अपनों की याद में धड़कते रहना; वैसे हमारा है काम अपनों की सलामती की दुआ करते रहना। शुभ रात्रि! |
हंसी आपकी कोई चुरा ना पाये; आपको कभी कोई रुला ना पाये; खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में; कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये। सुप्रभात! |
तू जहाँ रहे वहाँ मेरी दुआओं की छाँव हो; वो शहर हो फिर चाहे गाँव हो; तेरी आँखों में कभी कोई गम ना हो; बस यही दुआ है हमारी कि तेरी खुशियां कभी कम ना हों। शुभ रात्रि! |
भोर प्रभात के होते ही सृष्टि सारी निखर गयी; रात के सारी घेराबन्धी, एक पल में ही बिखर गयी; चढ़ कर आया जब सूरज ऊपर गगन में; फ़ैल गयी यह रौशनी सारे चमन में। सुप्रभात! |
मुबारक हो आपको नई यह जिंदगी; खुशियों से भरी रहे आपकी जिंदगी; गम का साया कभी आप पर ना आये; दुआ है यह हमारी आप सदा यूँ ही मुस्कुराएं। सालगिरह मुबारक! |
फूलों की तरह महकते रहो; सितारों की तरह चमकते रहो; किस्मत से मिली है ये ज़िंदगी; खुद भी हँसो और औरों को भी हँसाते रहो। शुभ रात्रि! |
इस नयी सुबह का यह नया सवेरा; सूरज की किरणों संग है हवाओं का बसेरा; आसमान में है खिला सूरज का चेहरा; मुबारक हो आपको हसीन यह सवेरा। सुप्रभात! |
कुदरत के करिश्मों में अगर रात ना होती; ख्वाबों में भी उनसे मुलाक़ात ना होती; सो जाते हैं हम इसी आस में; कि आज नहीं तो कल कभी तो उनसे बात होगी। शुभ रात्रि! |
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है; आँख खुलते ही तस्वीर आपकी सामने होती है; खुशियों के फूल हों आपके आँचल में; मेरे होठों पे बस यही पहली फरियाद होती है। सुप्रभात! |
आसमान के तारों में खो गया है जहान सारा; लगता है हमको प्यारा ये एक-एक तारा; इन तारों में सबसे प्यारा है वो सितारा; जो पढ़ रहा है इस वक़्त यह पैगाम हमारा। शुभ रात्रि! |