ये रात चाँदनी लेकर आपके आँगन में आये; ये आसमान के सारे तारे लोरी गा कर आपको सुलायें; हों आपके इतने प्यारे और मीठे सपने; कि आप सोते हुए भी सदा मुस्कुराएं। शुभ रात्रि! |
इन ताज़ी हवाओं में फूलों की महक हो; पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो; जब भी खोलो आप अपनी आँखें; इन पलकों में बस ख़ुशियों की झलक हो। सुप्रभात! |
चाँद तारों से रात जगमगाने लगी; फूलों की खुशबू दुनिया को है महकाने लगी; अब सो जाइए रात हो गयी है काफी; निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी। शुभ रात्रि! |
सिर्फ आसमान छू लेना ही कामयाबी नहीं है, असली कामयाबी तो वो है कि आसमान भी छू लो और पाँव भी ज़मीन पर हों। सुप्रभात |
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो; जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो; यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का; न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो। शुभ रात्रि! |
नयी सुबह का नया नज़ारा; ठंडी हवा ले कर आई पैगाम हमारा; यही दुआ है अब भगवान से हमारी कि; खुशियों से भरा रहे हमेशा जीवन तुम्हारा। सुप्रभात! |
हर रास्ता एक सफर चाहता है; हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है; जैसे चाहती है चांदनी चाँद को; कोई है जो आपको इस कदर चाहता है। शुभ रात्रि! |
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाये; ज़िंदगी की आखिरी शाम आ जाये; रहते हैं हम सदा इसी इंतज़ार में; कि शायद कभी आपका भी सलाम आ जाये। सुप्रभात! |
ये तेरी मोहब्बत का असर लगता है; दरिया भी मुझको समंदर लगता है; एहसास ही बहुत है तेरे होना का; मेरा घर दुआओं से भरा लगता है। सालगिरह मुबारक! |
दूर रहते हैं मगर दिल से दुआ करते हैं हम; प्यार का फ़र्ज़ घर बैठे अदा करते हैं हम; आपकी याद सदा साथ रखते हैं हम; दिन हो या रात आपको ही याद करते हैं हम। शुभ रात्रि! |