ये राहें ले ही जाएंगी मंज़िल तक, हौंसला रख; कभी सुना है कि अँधेरे ने सवेरा होने न दिया हो। सुप्रभात! |
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं; हर वक़्त आपको ही याद करती हैं; जब तक ना कह दें शुभ रात्रि आपको जालिम; सोने से भी इंकार करती हैं। शुभ रात्रि! |
फूलों की वादी में हो बसेरा आपका; सितारों के आँगन में हो घर आपका; दुआ है एक दोस्त की यही कि; सारे जहां से खूबसूरत हो सवेरा आपका। सुप्रभात! |
याद आती है तो ज़रा खो जाते हैं; आंसू आँखों में उतर आएं तो ज़रा रो लेते हैं; नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन; वो ख़्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते हैं। शुभ रात्रि! |
खिलते फूलों की रिदा हो जाए; हर तरफ़ प्यार भरी फ़िज़ा हो जाए; मांगते ही हाथ पर खुशियां रख दे; इतना मेहरबान तुझ पर मेरा खुदा हो जाए। जन्म दिन मुबारक हो! |
सुबह-सुबह एक पैगाम देना है; आपको सुबह का पहला सलाम देना है; गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी में; आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है। सुप्रभात! |
मुझे भूल कर सोना, तेरी आदत ही बन गई है; ऐ दोस्त; किसी दिन हम छोड़ कर चले गए तो सारी ज़िंदगी नींद नहीं आएगी। शुभ रात्रि! |
फूल खिलते रहें ज़िंदगी की राह में; हंसी चमकती रहे आपकी निगाह में; कदम-कदम पर मिले ख़ुशी बहार आपको; दिल देता है यही दुआ बार-बार आपको। शुभ सप्ताहांत! |
जैसे नींद आती है सपने लेकर...काश! वैसे ही आज की सुबह आए, आपके लिए बहुत सारी खुशियाँ लेकर। सुप्रभात! |
काश कि तू चाँद और मैं सितारा होता; आसमान में एक आशियाना हमारा होता; लोग तुम्हे दूर से देखते; नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता। शुभ रात्रि! |