कोई भी मूर्ख, आलोचना कर सकता है,शिकायत और निंदा कर सकता है और सभी मूर्ख ऐसा करते हैं। |
अगर हम भविष्य की ओर देखें तो नेता वहीं होंगे जो दूसरों को सशक्त बनायेंगे। |
अगर आप हर रगड़ से चिढ़ कर रहे हैं, तो अपने दर्पण को कैसे पॉलिश करेंगे। |
किस्मत का मतलब है जब तैयारी की मुलाकात अवसर से होती है। |
सम्मान के सबसे गंभीर रूपों में से एक वास्तव में दूसरे क्या कहना चाहता है उसको सुनना है। |
सलाह तो बहुत लोग लेते है, इससे लाभ कम ही उठाते हैं। |
उदासी कभी कुछ भी नहीं बस थकान का एक रूप है। |
आत्मा हमेशा अपना इलाज़ करना जानती है। चुनौती तो मन को शांत करने में होती है। |
आपके अतीत में जो सब था उसका आपके वर्तमान से कोई संबंध नहीं है। |
दोष निकालने से आसान कुछ नहीं है। |