वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है। |
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; रातें कटती हैं लेकर नाम तेरा; मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस; कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा। |
हो सकता है कि हम साथ रह न पायें; एक दूसरे से कभी कुछ कह न पायें; मत बढ़ाओ इतनी नज़दीकियां तुम; कि हम दूरियां फिर सह न पायें। |
मेरी हँसी का हिसाब कौन करेगा; मेरी गलती को माफ़ कौन करेगा; ऐ खुदा मेरे दोस्त को सलामत रखना; वरना मेरी शादी में 'लुंगी डांस' कौन करेगा। |
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत सी हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तनहाइयों से हो गई है। |
खता अगर हमसे हो जाये तो माफ़ करना; याद ना कर पाये तुम्हें तो माफ़ करना; यूँ तो हम कभी आपको भूलते नहीं; पर यह दिल की धड़कन ही थम जाये तो माफ़ करना। |
लोग रिश्ते बना कर यूँ तोड़ जाते हैं; बेवजह हमसे यूँ ही रूठ जाते हैं; मिलने पर राह में अजनबी कहते हैं; लगता है शायद यही दुनिया का दस्तूर कहलाता है। |
न जाने कब फिर से ये मंज़र सुहाना मिलेगा; ये खिल-खिलाती हँसी और दोस्तों का याराना मिलेगा; क़ैद कर लो इन खूबसूरत लम्हों को अपनी यादों में यारो; इन्ही लम्हों से हमें ज़िंदगी में रोते हुए भी हँसने का बहाना मिलेगा। |
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ; प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ; इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी; अब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ। |
दूरियां बहुत हैं मगर इतना समझ लो; पास रह कर ही कोई ख़ास नहीं होता; तुम इस कदर पास हो मेरे दिल के; मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता। |