महामारी के कारण उत्पन्न हुई अनिश्चितता के बारे में बात करते हुए अर्जन कहते हैं, "कबीर सिंह के बाद, मुझे बहुत सारे काम ऑफर किए गए, लेकिन अनिश्चितता के कारण सभी एक तरह से रुक गए। प्रोजेक्ट्स और तारीखें आगे बढ़ती गईं। यह सब अच्छी तरह से योजनाबद्ध था, लेकिन धीरे-धीरे कुछ फिल्म्स तथा वेब शोज टलते गए और अन्य में भी देर होती चली गई। पिछले साल लॉकडाउन की शुरुआत में सौभाग्य से, मेरा डिजिटल प्रोजेक्ट जी 5 का स्टेट ऑफ सेज 26/11 रिलीज हुआ, जिसमें मैंने मुख्य किरदार का नेतृत्व किया था। इसलिए मुझे उम्मीद थी कि चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ेंगी, लेकिन फिर लॉकडाउन के कारण छह महीने की गुमनाम खामोशी के तले सब कुछ थम गया। एकमात्र सोने पर सुहागा वाली बात यह है कि मैंने उसके बाद एमेजॉन के लिए एक महान डिजिटल प्रोजेक्ट किया और मैं इसके लिए तत्पर हूँ।"
कबीर सिंह के अलावा, एक्टर उस वर्ष एक साउथ प्रोजेक्ट में भी नजर आए। अर्जन ने तेलुगु में एक्टिंग की शुरुआत की थी और तब से ही वे साउथ और हिंदी फिल्म्स के बीच अपने एक्टिंग करियर को बनाए हुए हैं। यद्यपि तेलुगु सिनेमा के दायरे की प्रशंसा करते हुए, अर्जन का मानना है कि क्षेत्रीय सिनेमा की तुलना में बॉलीवुड में बने रहना अधिक कठिन है। वे कहते हैं, "हिंदी फिल्म्स केवल एक राज्य तक सीमित नहीं हैं। पहुँच के मामले में बॉलीवुड एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है क्योंकि पूरी दुनिया में हिंदी फिल्म्स बड़े चाव से देखी जाती हैं। इसलिए, जब दांव इतने ऊँचे होते हैं, तो यहाँ बने रहने के लिए अपना रास्ता बनाना मुश्किल हो जाता है। यह कहने के बाद कि, जब यह दुनिया बड़ा बनाने के बारे में है, बहुत कुछ भाग्य पर भी निर्भर करता है। भाग्य इस खेल में एक बड़ी भूमिका निभाता है।"