संता और बंता दोनों शराब के नशे में धुत थे तो संता ने पूछा, "मरने के बाद तुम स्वर्ग जाना पसंद करोगे या नर्क?"
बंता: तुम्हें जहाँ अच्छा लगे तुम चले जाना, मुझे दारु पीने के बाद कहीं जाना अच्छा नहीं लगता।
पप्पू: पापा मेरे लिए एक ढोल ला दो।
संता: नहीं तू ढोल बजा के तंग किया करेगा।
पप्पू: नहीं पापा, जब आप सो जाया करोगे तब बजाऊंगा।
मेजर ने फौजियों को डांटते हुए कहा, 'मुझे रिपोर्ट मिली है कि कल रात तुम लोगों ने खूब शराब पीकर सड़को पर ठेला खींचा, और खूब धमा चौकड़ी मचाई?'
संता: यह तो आप ही बेहतर जानते हैं सर, क्योंकि ठेले पर तो आप ही बैठे थे।
बंटी: क्या तुम बता सकते हो कि साइकिल कौन सा लिंग है?
पप्पू: इसमें भी कोई बड़ी बात है, जब लड़का सवार हो तो पुलिंग और जब लड़की सवार हो तो स्त्रीलिंग।
जज: तुमने अपने पडोसी के कान पर छूरा क्यों मारा?
पठान: सरकार, कान पर तो भूल से लगा गया, मैं तो उसके गले पर मारना चाहता था।
संता: आज पहली बार मेरी अलार्म घड़ी से आँख खुली।
बंता: वह कैसे?
संता: मेरी बीवी ने उसे मेरे सिर पर फेंक मारा।
अध्यापक: तुम दो दिन से स्कूल क्यों नहीं आये थे?
पप्पू: सर मेरे पास एक ही पेंट शर्ट है और वह मैंने परसों धोई थी।
अध्यापक: और कल?
पप्पू: कल मैं आ ही रहा था कि आपके घर की बालकनी में आपकी पेंट-शर्ट टंगी हुई देखी तो घर लौट गया।
थानेदार: तुम्हारे यहाँ चोरी हुई तो कितना बजा था?
पठान: चार लट्ठ हम पर और एक लट्ठ हमारी बेगम पर बजा था।
थानेदार: मैं पूछ रहा हूँ कि घड़ी में कितना बजा था?
पठान: साहब घड़ी पर तो एक ही लट्ठ बजा था, तभी घड़ी टूट गई थी।
रजनीकांत: ऐ मुर्गी जल्दी से तीन अंडे दे।
काफी देर के बाद भी रजनीकांत को एक ही अंडा दिखता है।
रजनीकांत: ओए मुर्गी मैंने तुझे तीन अंडे देने को कहा और तुने सिर्फ एक ही अंडा क्यों दिया, तुझे मुझसे डर नहीं लगता क्या?
मुर्गी: डर लगता है, तभी तो एक अंडा दिया, वरना मैं तो मुर्गा हूं।
लड़की का बाप: क्या जमाना आ गया है, लड़की भी दो और दहेज़ भी दो।
संता: नहीं नहीं, आप सिर्फ दहेज़ ही दीजिए, लड़की अपने पास रख लीजिए।



