पठान: जब हम छोटा था, तब हम ये दरख़्त पर चढ़ जाता था!
दोस्त: यह तो बहुत बड़ा दरख़्त है, तुम इस पर कैसे चढ़ जाते थे?
पठान: उस वक़त, ये दरख़्त भी छोटा होता था!

पप्पू: पापा, आज मुझे एक लड़के ने मारा!
संता: क्या तुम उसे पहचान सकते हो?
पप्पू: हां पापा, मैं उसका दांत साथ लाया हूं!

जब संता ने प्यार में धोखा खाया तो बंता ने उससे पूछा, "अबे तुमने उसमें क्या देखा?"
संता: उसकी एक आंख इतनी सुंदर थी कि उसकी दूसरी आँख भी उसी को देख रही थी!

पप्पू: यार कल 'पापा' ने बहुत पिटाई की!
बंटी: क्यों?
पप्पू: कुछ नहीं, मैंने बस इतना पुछा था कि 'कमीने' फिल्म देखने चलें!

संता: बेटा, तुम तो फेल हो गए। मैंने तो कहा था न कि अगर तुम बारहवीं पास हो जाओगे, तो मैं तुम्हें मोटरसाइकिल दिलाऊंगा!
पप्पू: मुझे पता है, पापा!
संता: फिर तुम फेल कैसे हो गए?
पप्पू: मैं मोटरसाइकिल चलाना सीख रहा था!

पठान ने साइकिल से एक आदमी को टक्कर मार दी और बोला, "आप बहुत किस्मत वाले हो!"
आदमी: वो कैसे?
पठान: आज हमारी छुट्टी है, नही तो हम 'ट्रक' चलाता है!

जीतो: रात को मोबाइल चार्जिंग पर न लगाओ, ब्लास्ट हो सकता है!
संता: ओये, तु चैन से सोजा और मुझे इतना भी बेवकूफ न समझ; मैंने बैट्री निकाल दी है!

जीतो: इतनी रात को कहाँ गए थे?
पप्पू: अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने!
जीतो: किस लिए?
पप्पू: हां 'माँ', बहुत किस लिए!

जीतो की दादी जीतो के बच्चे को, "सोजा डिप्लोमा सोजा"!
पड़ोसन: 'डिप्लोमा' क्यों बुलाती हो इसे?
दादी: मेरी पोती कॉलेज 'डिप्लोमा' लेने गयी थी, ये लेकर आई है!

बंता: फ़िल्मी जिंदगी और असली जिंदगी में क्या अंतर है?
संता: फिल्मों में बहुत मुश्किलों के बाद शादी होती है और असली जिंदगी में शादी के बाद बहुत मुश्किल होती है!

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