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बंटी: मैं ज़िंदगी में कुछ बड़ा और साफ़-सुथरा करना चाहता हूँ।
पप्पू: तो तू एक हाथी को नहला दे। वो बड़ा भी है और साफ़ भी हो जायेगा।

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डॉक्टर (संता से): अब आपकी दिमागी बीमारी का क्या हाल है?
संता: ठीक है डॉक्टर साहब, आज-कल वो मायके गयी हुई है।

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पप्पू: पापा, सूरज, धरती से कितनी दूर है?
संता: मुझे नहीं पता।
पप्पू: आप की इसी नासमझी की सज़ा मुझे कल स्कूल में मिलेगी।

सलमा: देखो जी, कल किसी ने मुझे 'I LOVE YOU' का मैसेज भेजा।
पठान: ऐसे मैसेज मत रिसीव किया करो, चलो इसे वापस भेज दो।

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टीचर: ये बताओ कि सूखे और बाढ़ में क्या अंतर है?
पप्पू: जी, ज़मीन-आसमान का फर्क है?
टीचर: वो कैसे?
पप्पू: सूखे में प्रधान मंत्री कार से दौरा करते हैं और बाढ़ में हेलीकॉप्टर से।

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संता: ये तुम पिछले 3 घंटे से दरवाज़े पर खड़ी होकर किस से बातें कर रही थी?
जीतो: वो तो प्रीतो थी, बेचारी के पास अंदर आने के लिए समय ही नहीं था।

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पठान के तलाक़ का मुक़दमा अदालत में चल रहा था।
जज: मैंने इस मुक़दमे के बारे में यह फैंसला किया है कि तुम्हारी बेगम को हर महीने 20,000 रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे।
पठान: बहुत-बहुत मेहरबानी जज साहब, और हाँ कभी-कभी मेरे पास पैसे होंगे तो मैं भी थोड़े पैसे दे दिया करूँगा।

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पप्पू: लोग कहते है कि हम अपनी गलतियों से सीखते हैं।
टीचर: हाँ बिल्कुल सही है।
पप्पू: इसीलिए मैं इतनी गलतियां करता हूँ ताकि मैं Genius बन सकूँ।

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पप्पू: पापा, आपने क्या सोच कर मम्मी से शादी की थी?
संता: तो अब तुम्हें भी इस बात की हैरानी होनी शुरू हो गयी है।

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संता: मुझे बहुत चिंता हो रही है यार, बारिश शुरू हो गयी है और मेरी पत्नी बाजार गयी हुई है। बंता: चिंता की क्या बात है? वो किसी दुकान पे रुक जायेगी।
संता: इसी बात की तो चिंता है कि वो किसी दुकान पे न रुक जाये।

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