निकलो गलियों में बना कर टोली,
भिगा दो आज हर एक की झोली,
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो,
वरना निकल लो, लगा के रंग कह के हैप्पी होली।
हैप्पी होली!
पिचकारी की धार, गुलाल की बौछार,
अपनों का प्यार, यही है यारों होली का त्यौहार।
होली की शुभ कामनायें!
कौन कहता है कि हम होली के दिन फालतू का पानी खर्च करते हैं
हम तो वो पानी खर्च करते हैं जो हमने पूरी सर्दियों में ना नहाके बचाया था।
होली पे अधिक से अधिक पानी बचायें हो सके तो नीट पिएँ,
क्योंकि जल ही जीवन है और आगे भी पीनी है आपको।
दारू की खुशबू, गुटखे की रोटी और चरस का साग,
भांग के पकौड़े और विल्स का साथ,
मुबारक हो आपको, बेवड़ों का खास त्यौहार,
कहते हैं आपको Happy Holi in Advance!
लो खत्म हुई रंग-ऐ-गुलाल की शोखियां;
चलो यारो फिर बेरंग दुनिया में लौट चले।
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले;
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले!
होली मुबारक!
रंगों का ये जो त्यौहार है;
इस दिन ना हुए लाल पीले तो ज़िन्दगी बेकार है;
रंग लगाना तो इतना पक्का;
जितना पक्का तू मेरा यार है।
होली मुबारक मेरे यार!
बसंत ऋतु की बहार, चली पिचकारी, उड़ा गुलाल;
रंग बरसे नीला, हरा, पीला और लाल;
मुबारक हो आपको होली का यह त्यौहार!
प्यार के रंगों से भरो पिचकारी;
स्नेह के रंगों से रंग दो दुनिया सारी;
ये रंग न जाने न कोई जात न बोली;
सबको हो मुबारक, ये हैप्पी होली!