अगर कोई दोस्त आपका दुःख सुनकर उठ कर चला जाए तो उसे गद्दार नहीं समझना चाहिए...
हो सकता है वो डिस्पोजल गिलास और बोतल लाने गया हो।
शाम के समय ठेके की तरफ आकर्षित होने को ही "दारुत्वाकर्षण" कहते हैं!
मैं भी ऐसी मशीन बनाऊंगा जिसमे एक तरफ से Water डालो तो दूसरी तरफ से Quarter निकले।
~ एक भड़का हुआ शराबी!
दारू और सिगरेट पीने वाला आदमी कभी मतलबी नहीं हो सकता क्योंकि...
जिसे अपने शरीर से ही कोई मतलब नहीं है वो भला दूसरों का बुरा कहाँ सोचेगा।
आज का ज्ञान:
शराब एक ऐसी दवा है, जो आपके तमाम कीमती विचारों को भाषण में परिवर्तित कर देती है।
शराब तो हमेशा से ही हमारे जीवन का, हमारी संस्कृति का ज़रूरी हिस्सा रही है।
देखें, घर - बार, खाना - पीना, दवा - दारू।
शर्त लगी थी खुशियों को एक लफ्ज़ में लिखने की;
लोग किताबें ढूँढते रह गये, मैंने "ठेका" लिख दिया।
इतिहास गवाह है कि आज तक दारू में पैग में, कभी मक्खी नहीं गिरी!
जब भी दारू देखता हूँ, मुंह में पानी आ जाता है।
ऐसा क्यों नहीं होता कि जब भी पानी देखूँ, मुंह में दारू आ जाये।
किसी झूठे मक्कार हरामी रूपी बाबा के प्रवचन सुनने से अच्छा है...
किसी शराबी से उसकी जिंदगी के कड़वे अनुभव सुन लेना, वो भी अंग्रेजी में!