राम युग में दूध मिले और कृष्ण युग में घी;
कोरोना युग में दारु मिले "डिस्टेंस" बना कर पी!
एक शराबी मर के स्वर्ग पहुँचा! काफी घूमने के बाद उसे यमराज मिले!
उसने पूछा, "मैं इतना बड़ा शराबी, सारा दिन नशे में टुन्न! मुझे स्वर्ग कैसे मिला प्रभु?"
यमराज: वो जो तू बिना अन्न खाये दारू के साथ केवल सलाद खा के सो जाता था, टेकिनकली उसे उपवास में काउंट कर लिया गया है!
डॉक्टर: तुम गटर में कैसे गिर गए?
शराबी: क्या बताऊं डॉक्टर साहब, बिना ढक्कन की खुली गटर को गलती से सोशल डिस्टेन्सींग का सर्कल समझ बैठा था!
हँसी, मुस्कान, तसल्ली, सुकून, चैन, अपनापन और राहत... ये चीजें पैसों से नहीं मिलती हैं!
इनके लिये दारू पीनी पड़ती है!
शराब की दुकान पर लगा नोटिस:
"अर्थव्यवस्था को कंधा (सहारा) लगा सकें इतनी ही लें क्योंकि आपको कंधा लगाने लायक स्टाफ हमारी दुकान पर नहीं है!"
सबसे बड़ा धर्मसंकट तो बेवड़ों के लिए है!
अंग्रेजी पीकर अर्थव्यवस्था मजबूत करें या देसी पीकर आत्मनिर्भर बनें?
अति आवशयक हो तभी घर से बाहर निकले...
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जैसे शराब लेने!
देखा दारू का कमाल एक हफ़्ते बिकने के बाद ही आर्थिक पैकिज देने लायक़ बना दिया सरकार को!
वायरस से बचने के लिए भी 'अल्कोहल' और इकॉनमी को बचाने के लिए भी 'अल्कोहल'!
ये कैसी विडंबना है प्रभु! कहीं यह अमृत तो नहीं!
ब्रेकिंग न्यूज़:
चीन पर पहले हमला करने को लेकर...
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ठेके पर ही आपस में भीड़ गए दो बेवड़े!