
सुख भी बहुत हैं, परेशानियां भी बहुत हैं;
ज़िंदगी में लाभ बहुत हैं तो हानियां भी बहुत हैं;
क्या हुआ जो थोड़े ग़म मिले ज़िंदगी में;
खुदा की हम पर मेहरबानियाँ बहुत हैं।

मेरी औकात से बाहर मुझे कुछ न करने देना मालिक;
क्योंकि ज़रूरत से ज्यादा रौशनी भी इंसान को अँधा कर देती है।
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर;
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर।

ज़मीन पे सुकून की तालाश है, मालिक तेरा बंदा कितना उदास है;
क्यों खोजता है इंसान राहत दुनिया में, जबकि हर मसले का हल तेरी अरदास है।

साईं कहते हैं;
उदास न हो मैं तेरे साथ हूँ;
सामने नहीं आस-पास हूँ;
पलकों को बंद करके दिल से याद करना;
मैं और कोई नहीं तेरा विश्वास हूँ।
इबादतें हों कुछ इस तरह से तेरे नाम के साथ;
कि दिन गुज़र जाये तेरी रहमतों के साथ।
जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती वैसे ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।

जानना ही है तो उस खुदा को जानो, मेरी क्या हस्ती है;
इन अनजान अजनबियों के बीच, अनजान मेरी मिट्टी है।

जब मुझे यकीन है कि खुदा मेरे साथ है;
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन कौन मेरे खिलाफ है।
जब अपने लिए दुआ करो तो दूसरों को भी याद किया करो;
क्या पता, किसी के नसीब की खुशी आपकी एक दुआ के इंतज़ार में हो।