अवसरों की राह देखने वाले व्यक्ति साधारण होते हैं;
लेकिन असाधारण व्यक्ति अवसरों को जन्म देते हैं।
मंजिल पर पहुँचना है तो कभी राह के काँटों से मत घबराना,
क्योंकि काँटे ही तो बढ़ाते हैं रफ़्तार हमारे क़दमों की।
बहता पानी ही पत्थरों पर निशान छोड़ता है,
पर पत्थर पानी पर कोई निशान नहीं छोड़ता है,
इसलिए कहते हैं चलने का नाम ज़िन्दगी है।
ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है;
कभी हँसती है तो कभी रुलाती है;
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं;
ज़िन्दगी उनके आगे सिर झुकाती है।
बैठ जाता हूँ अक्सर मिट्टी पर क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है;
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीका चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना।
कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले;
हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;
कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;
हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले।
सोच को अपनी ले जाओ तुम उस शिखर तक;
कि उसके आगे सारे सितारे भी झुक जाएं;
न बनाओ अपने सफ़र को किसी कश्ती का मोहताज़;
चलो इस शान से कि तूफ़ान भी झुक जाए।
हथेली पर रखकर नसीब हर शख्स मुकद्दर ढूंढता है,
सीखो उस समंदर से जो टकराने के लिए हमेशा पत्थर ढूंढता है।
हर दिन अपनी ज़िन्दगी को एक नया ख्वाब तो दो;
चाहे पूरा ना हो पर आवाज़ तो दो;
एक दिन पूरे हो जायेंगे सारे ख्वाब तुम्हारे;
सिर्फ कोशिश करके एक शुरुआत तो दो।
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते;
जो मिल गया उसे खोया नहीं करते;
होती है हासिल मंज़िल उन्हें;
जो वक़्त और हालात पर रोया नहीं करते।