ज़िंदगी बहुत कुछ सिखाती है, कभी हँसाती है कभी रुलाती है;
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं, ज़िंदगी उनके आगे सिर झुकाती है।

सपना ऐसा देखो कि आसमान तक जा सको;
दुआ ऐसी करो कि खुदा को पा सको;
यूँ तो ज़िंदगी जीने में बहुत कम पल हैं;
पर जियो तो ऐसे कि हर पल में ज़िंदगी पा सको।

ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी है, वक़्त को मरहम बनाना सीख लो;
हारना तो है ही मौत के हाथों एक दिन, फिलहाल ज़िंदगी को जीना सीख लो।

ज़िंदगी जाने कितने मोड़ लेती है;
हर मोड़ पर नए सवाल देती है;
तलाशते रहते हैं हम जवाब ज़िंदगी भर;
और जब जवाब मिल जाये तो ज़िंदगी सवाल बदल देती है।

जिदंगी तेरे ख्वाब भी कमाल के है।
तू गरीबों को उन महलों के सपने दिखाती है;
जिसमें अमीरों को नींद नहीं आती।

जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी;
बिना बात का फ़साना है ये ज़िन्दगी;
एक अरस गुज़र गया पत्तों के साथ गिरे हुए;
पर आज भी उम्मीद का खज़ाना है ज़िन्दगी!
जिंदगी जीना आसान नहीं होता;
बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता;
जब तक न पड़े हथोड़े की चोट;
पत्थर भी भगवान नहीं होता।
ज़िंदगी छोटी नहीं होती बस हमारी ख्वाहिश बढ़ जाती है;
उसी तरह कोई बुरा नहीं होता, बस हमारी सोच बदल जाती है।

ना किसी के 'आभाव' में जियो, ना किसी के 'प्रभाव' में जियो;
ये जिंदगी आपकी है, बस इसे अपने मस्त 'स्वाभाव' में जियो।
कभी-कभी ज़िंदगी में ये तय करना बड़ा मुश्किल हो जाता है कि गलत क्या है?
वो झूठ जो चेहरे पे मुस्कान लाए;
या वो सच जो आँखों में आंसू लाए।