खबर नहीं मुझे यह जिन्दगी कहाँ ले जाए;
कहीं ठहर के मेरा इंतज़ार मत करना।
देने वाले ने दिया सब कुछ अजब अंदाज से;
सामने दुनिया पड़ी है और उठा सकते नहीं...
यूँ ही रखते रहे बचपन से दिल साफ़ हम अपना;
पता नहीं था कि कीमत तो चेहरों की होती है दिल की नहीं..
उस रात गरीब माँ ने यह कह के बच्चों को सुला दिया;
फ़रिश्ते ख्वाब में आते है रोटियां ले कर।
बिना लिबास आए थे इस जहां में;
बस एक कफ़न की खातिर, इतना सफ़र करना पड़ा...
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है;
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है;
बुलंदियों पे पहुंचना कोई कमाल नहीं;
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
दुनिया का हर शौंक पाला नही जाता;
कांच के खिलौनों को उछाला नही जाता;
मेहनत करने से मुश्किल हो जाती है आसान;
क्योंकि हर काम तक़दीर पर टाला नही जाता।
ज़िंदगी जीने को एक यहाँ ख्वाब मिलता है;
यहाँ हर सवाल का झूठा जवाब मिलता है;
किसे समझे अपना किसे पराया;
यहाँ हर चेहरे पे एक नकाब मिलता है।
अपनी जिंदगी के अंधेरों का शुक्रगुजार हूँ मैं;
जब से मुझे पता चला है कि;
तेरी रौशनी ने तुझे अंधा बना दिया...
बच्चा था भूखा और आँखों में अश्क जरुर था;
उस फरिश्ते का करिश्मा भी एक फितूर था;
गोद में बसी माया ने उस भूख को भुला दिया;
माँ की लोरी के जादू ने उसे फिर से सुला दिया।



