अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया क्या पाया?
तो बिना झिझक कह देना जो कुछ खोया वो मेरी नादानी है;
और जो पाया वो मेरे रब की मेहरबानी है!
मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी की
लेकिन सिर्फ सांसें लेने को 'जीना' तो नहीं कहते!
देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से;
चहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से!
साहिर लुधियानवी!
न सवाल बनकर मिला करो;
न जवाब बनकर मिला करो;
मेरी ज़िन्दगी मेरे ख्वाब हैं;
मुझे ख्वाब बनकर मिला करो!
दर्द इतना था ज़िन्दगी में की;
धड़कन भी साथ देने से घबरा गयी!
वक्त कहता है कि फिर नहीं आऊंगा;
तेरी आँखों को अब न रुलाऊंगा!
जीना है तो इस पल को जी ले;
शायद मैं कल तक न रुक पाऊंगा!
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा;
प्यासे के पास चल के समुन्दर भी आयेगा!
थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर;
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा!
एक अजीब सी चुभन है आज दिल में कहीं;
कुछ टूट के बिखर गया है जर्रे जर्रे सा!
मत खाओ कसमें सारी ज़िन्दगी साथ निभाने की;
हमने सांसो को भी जुदा होते देखा है!
काम करो ऐसा, कि पहचान बन जाये;
हर कदम ऐसा चलो, कि निशान बन जाये!
यहाँ ज़िन्दगी तो सभी काट लेते हैं;
ज़िन्दगी जियो ऐसी, कि मिसाल बन जाये!
वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ;
ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ;
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ;
बस अपने बदलते हैं वक़्त के साथ!



