ग़ुंचे-ग़ुंचे पे गुलिस्ताँ के निखार आ जाए;
जिस तरफ़ से वो गुज़र जाएँ बहार आ जाए !
अभी तो ताजा है इश्क़ हजार कसमें खाओगे;
जरा पक जाने दो फिर देखेंगे कितना निभाओगे!
इश्क़ आसां नहीं तो क्या किया जाए;
मुश्किल तो जीना भी है तो क्या सांस ना ली जाए!
ख़ामोश बैठी गज़ल को अल्फाज़ दे आया;
आज एक गुलाब को गुलाब दे आया!
मोहब्बत खूबसूरती से नहीं;
मोहब्बत दिल से होती है!
तेरा नाम ही ये दिल रटता है;
ना जाने तुम पे ये दिल क्यू मरता है!
तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी;
दोनों को ही एकअदा में रजामंद कर गई!
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयां हुई हमसे;
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत!
निगाहें आपकी पहचान है हमारी,
मुस्कुराहट आपकी शान है हमारी;
रखना अपने आपको हिफाज़त से,
क्योंकि सांसे आपकी जान है हमारी!
किसी न किसी को किसी पर एतबार हो जाता है,
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है;
खूबियों से ही नहीं होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।



