
उठने लगे हैं अब तो इस बात पे सवाल;
वो मेरी तरफ मुस्कुरा के देखते क्यों हैं!

कितना खूबसूरत है उसका मेरा रिश्ता;
न उसने कभी बांधा, न हमने कभी छोड़ा!

दूरियों की परवाह न कीजिये;
जब भी मिलने का मन हो तो पलकों को झुका लीजिये!

हुस्न के कसीदे तो घडती रहेंगी महफिलें;
झुर्रियां भी प्यारी लगे तो, मान लेना इश्क है!

खोटे सिक्के जो खुद कभी चले नहीं बाजार में,
वो भी कमियाँ खोज रहे हैं आज मेरे किरदार में;
पारस हो गए हैं हम यूँ छू करके तुम्हें,
ना उम्र बढती है, ना इश्क घटता है!

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

इश्क हमें जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है;
इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम,
हर दर्द सहना सिखा देता है।

बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना;
तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है!

न जाने करीब आना किसे कहते हैं;
मुझे तो आपसे दूर जाना ही नहीं आता!

फिजाओं से उलझ कर एक हसीं यह राज़ जाना हैं;
जिसे कहतें हैं मोहब्बत वह नशा ही कातिलाना है!