याद रूकती नहीं रोक पाने से;
दिल मानता नहीं किसी के समझाने से;
रुक जाती हैं धड़कनें आपको भूल जाने से;
इसलिए आपको याद करते हैं जीने के बहाने से।
यकीन अपनी चाहत का इतना है मुझे;
मेरी आँखों में देखोगे और लौट आओगे;
मेरी यादों के समंदर में जो डूब गए तुम;
कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे।
यादों में आपके तनहा बैठे हैं;
आपके बिना लबो की हँसी गवा बैठे हैं;
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो;
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली;
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली;
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ;
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।
यादें अगर आँसू होती तो चली जाती;
यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती;
यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं;
जो लाख कोशिशों के बाद भी लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।
नया कुछ भी नहीं हमदम, वही आलम पुराना है;
तुम्हीं को भुलाने की कोशिशें, तुम्हीं को याद आना है।
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया;
जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया।
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने;
प्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने;
मत सोच कि हम भूल गए हैं तुझे;
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने।
साँस लेने से भी तेरी याद आती है;
हर साँस में तेरी खुशबू बस जाती है;
कैसे कहूँ कि साँस से मैं ज़िंदा हूँ;
जब कि साँस से पहले तेरी याद आती है।
ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए;
मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ।



