अब सोचते हैं लाएँगे तुझ सा कहाँ से हम;
उठने को उठ तो आए तेरे आस्ताँ से हम।
जुदा होकर भी सताने से बाज़ नहीं आते;
दूर रहकर भी वो दिल जलाने से बाज़ नहीं आते;
हम तो भूलना चाहते हैं हर एक याद उनकी;
मगर वो ख्वाबों में आने से भी बाज़ नहीं आते।
हर वक़्त तेरी यादें तडपाती हैं मुझे;
आखिर इतना क्यों ये सताती हैं मुझे;
इश्क तो किया था तुमने भी शौंक से;
तो क्यों नहीं यह एहसास दिलाती हैं तुझे।
बिछड़ी हुई राहों से जो गुज़रे हम कभी;
हर ग़म पर खोयी हुई एक याद मिल गयी।
किसी की यादों को रोक पाना मुश्किल है;
रोते हुए दिल को मनाना मुश्किल है;
ये दिल अपनों को कितना याद करता है;
ये कुछ लफ़्ज़ों में बयां कर पाना मुश्किल है।
बड़ी तब्दीलियां लायें हैं हम अपने आप में;
पर तुम्हारी याद में रहने की आदत अब भी बाकी है।
मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी;
दूरी आपकी मेरी चाहत की सज़ा बन गयी;
कैसे भूलूँ आपको एक पल के लिए भी;
आपकी याद हमारे जीने की वजह बन गयी।
कोई मलाल कोई आरजू नहीं करता;
तुम्हारे बाद यह दिल गुफ्तगू नहीं करता;
कोई न कोई चीज़ मेरी टूट जाती है;
तुम्हारी याद से जब भी वज़ू नहीं करता।
अनुवाद:
वज़ू = पवित्र
हर रात रो-रो के उसे भुलाने लगे;
आंसुओं में उस के प्यार को बहाने लगे;
ये दिल भी कितना अजीब है कि;
रोये हम तो वो और भी याद आने लगे।
तुमसे दूरी का एहसास जब सताने लगा;
तेरे साथ गुज़ारा हर लम्हा याद आने लगा;
जब भी कोशिश की तुम्हें भुलाने की;
तू और भी इस दिल के करीब आने लगा।



