तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा होता;
खबर तो होती कि सफ़र कितना तय करना है।
जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी 'मुनीर';
ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं।
कुछ लोग भूल कर भी भुलाये नहीं जाते;
ऐतबार इतना है कि आजमाये नहीं जाते;
हो जाते हैं दिल में इस तरह शामिल कि;
उनके ख्याल दिल से मिटाये नहीं जाते।
एक जुर्म हुआ है हम से एक यार बना बैठे हैं;
कुछ अपना उसको समझ कर सब राज़ बता बैठे हैं;
फिर उसकी प्यार की राह में दिल और जान गवा बैठे हैं;
वो याद बहुत आते हैं जो हुमको भुला बैठे हैं।
समंदर के सफर में इस तरह आवाज़ दे हमको;
हवाएं तेज़ हो जायें और कश्तियों में शाम हो जाये;
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दे;
ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाये।
कुछ नहीं बाकी बचा है तेरे जाने के बाद;
तड़प उठता है मेरा दिल आ जाये जो तेरी याद;
मायूस हो गया हूँ मैं अपनी सूनी ज़िंदगी से;
कोई तो हो जो समझे मेरे दिल के यह जज़्बात।
हमारी बेख़ुदी का हाल वो पूछें अगर;
तो कहना होश बस इतना है कि तुम को याद करते हैं।
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो;
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।
मेरी गुफ्तुगू के हर अंदाज़ को समझता है;
एक वही है जो मुझ पे एतमाद रखता है;
दूर होकर भी मुझसे वो है इतना क़रीब;
ऐसा लगता है मेरे आस-पास रहता है।
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली;
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली;
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर;
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली।



