याद कर के भूलना ही न आया हमें;
किसी के दिल को सताना ही ना आया हमें;
किसी के लिए तड़पना तो सीख लिया;
पर अपने लिए किसी को तड़पाना न आया हमें।
मैंने कोशिश के बाद उसे भुला दिया;
उसकी यादों को सीने से मिटा दिया;
एक दिन फिर उसका पैगाम आया;
लिखा था मुझे भूल जाओ और;
मुझे हर लम्हा फिर याद दिला दिया।
ये अच्छा उसने मेरे कतल का तरीका ईजाद किया;
मर जाता मैं हिचकियो से, इतना मुझे याद किया।
खयालों में उसके मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी;
इबादत कर नहीं पाया खुदा! नाराज़ मत होना।
याद आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं;
देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं;
अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर;
जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं।
आप से जब से हमारी यारी हो गई;
दुनिया और भी हमारी प्यारी हो गई;
इस से पहले हम किसी भी चीज के आदी न थे;
पर अब आप को याद करने की बीमारी हो गई।
उनकी याद में जलना अजीब लगता है;
धीरे-धीरे से पिघलना अजीब लगता है;
सारी दुनियाँ के बदलने से हमे फर्क नहीं पड़ता;
बस कुछ अपनों का बदलना अजीब लगता है।
ए दोस्त तेरी दोस्ती पे नाज करते है;
हर वक़्त मिलने की फरियाद करते है;
हमें नहीं पता घरवाले बताते है;
के हम नींद में भी आपकी बात करते है।
मौत के बाद भी याद आ रहा है कोई;
दिल के दर्द दिल से ले जा रहा हैं कोई;
ऐ खुदा दो दिन की मोहलत दे दे मुझे;
मेरी याद में उदास जा रहा है कोई।
यह कौन राह दिखाकर चला गया मुझको;
मैं जिंदगी में भला किसके काम आया था।



