दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे;
संग गुज़रे हर लम्हें याद आने लगे;
खामोश नज़रों से देखा जो उसने मुड कर;
भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे।
वो दिन दिन नही..वो रात रात नही;
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही;
आपकी यादों से मौत हमे अलग कर सके;
मौत की भी इतनी भी औकात नही।
छोड़ दिया हमारा साथ कोई गम नहीं;
भूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं;
आप से मुलाक़ात ना हो पाई तो कोई बात नहीं;
आपकी एक याद मुलाकात से कम नहीं।
सांस थम जाती हैं, पर जान नहीं जाती;
दर्द होता है, पर आवाज नहीं आती;
अजीब लोग हैं इस जमाने में;
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।
गुज़रे हैं तेरे बाद भी कुछ लोग इधर से;
लेकिन तेरी खुशबू न गई राह गुज़र से।
यहीं पर सारे चमन की बहार थी कल तक;
पड़ी है आज जहाँ ख़ाक आशियाने की।
यादों की किम्मत वो क्या जाने;
जो ख़ुद यादों को मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं!
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा;
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा;
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे;
सारी महफ़िल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा!
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी;
वरना हमको कहां तुम से शिकायत होगी;
ये तो बेवफ़ा लोगों की दुनिया है;
तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी!
अगर यूँही ये दिल सताता रहेगा;
तो इक दिन मेरा जी ही जाता रहेगा;
मैं जाता हूँ दिल को तेरे पास छोड़े;
ये मेरी याद तुझको दिलाता रहेगा!



