यादों की कीमत वो क्या जाने;
जो ख़ुद यादों को मिटा दिए करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
यादों के सहारे जिया करते हैं!
बन के अजनबी मिले थे जिन्दगी के सफर में;
इन यादों के लम्हों को मिटायेंगे नहीं;
अगर याद रखना फितरत है आपकी;
तो वादा है हम भी आपको कभी भुलायेंगे नहीं।
भूलना मेरी आदत नहीं, यादाश्त चली जाये तो और बात है;
आपकी याद आती है, हर सांस के साथ;
अगर मेरी सांस ही टूट जाये तो और बात है।
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम!
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया;
ज़ख्मो को अपने नासूर कर लिया;
मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना;
तुने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया!
आदतन तुमने कर दिये वादे, आदतन हमनेँ भी ऐतबार किया;
तेरी राहोँ मेँ हर बार रुककर, हमनेँ अपना ही इंतजार किया!
गुलजार
हर यादों में उनकी याद रहती है;
मेरी आँखों को उनकी तलाश रहती है;
दुवा करो वो मुझको मिल जाए यारो;
सुना है दोस्तों की दुआ में फरिश्तों की आवाज़ होती है!
जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो;
रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो;
तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो;
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो!
कहानी बन के जियें हैं; वो दिल के आशियानों में!
हमको भी लगेगी सदियाँ; उन्हें भुलाने में!
ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में;
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में!
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला;
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में!



