न वो आ सके न हम कभी जा सके!
न दर्द दिल का किसी को सुना सके!
बस बैठे है यादों में उनकी!
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!

बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया!
उनकी यादों को दिल से मिटा दिया!
एक दिन फिर उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ!
और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!

कभी किसी सपने को दिल से लगाया करो!
किसी के ख्वाबों में आया-जाया करो!
जब भी जी हो कि कोई तुम्हें भी मनाये!
बस हमें याद करके रूठ जाया करो!

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!

आज यह कैसी उदासी छाई है!
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल!
जाने आज किसकी याद आई है!

फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते है!
फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैं!
यादे तो दिल में रहती है दोस्त मिल कर बिछड़ जाते है!

ये याद है आपकी या यादों में आप हो?
ये ख्वाब है आपके या ख्वाबों में आप हो?
हम नहीं जानते बस इतना बता दो!
हम जान है आपकी या जान हमारी आप हो?

दूर है आपसे तो कुछ गम नहीं!
दूर रह कर भूलने वाले हम नहीं!
रोज़ मुलाक़ात न हो तो क्या हुआ!
आपकी याद आपकी मुलाक़ात से कम नहीं!

समझा दो अपनी यादों को!
वो बिना बुलाये पास आया करती है!
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर!
वो पास आकर रुलाया करती है!

जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली है!
हम ने उदास रहने की आदत बना ली है!
हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में!
तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है!

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