नहीं नहीं हमें अब तेरी जुस्तुजू भी नहीं;
तुझे भी भूल गए हम तेरी ख़ुशी के लिए!
हम कहीं भी हों मगर ये छुट्टियाँ रह जाएँगी;
फूल सब ले जाएँगे पर पत्तियाँ रह जाएँगी!
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ;
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ!
हमारे सब्र का इक इम्तिहान बाक़ी है;
इसी लिए तो अभी तक ये जान बाक़ी है!
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी;
जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी!
आज तक बहका नहीं बाहर से दीवाना तेरा;
हौंसले मेरी निगाहों के हैं पैमाना तेरा!
एक मज्ज़ूब उदासी मेरे अंदर गुम है;
इस समुंदर में कोई और समुंदर गुम है!
किसी की जब से जफ़ाओं का सिलसिला न रहा;
दिल-ए-हज़ीं में मोहब्बत का हौसला न रहा!
तपती ज़मीं पे पाँव न धर अब भी लौट जा;
क्यों हो रहा है ख़ाक-ब-सर अब भी लौट जा!
हमारी जान तुम ऐसा करोगी;
हमारी जान का सौदा करोगी!



