उसकी तलाश में निकलूं भी तो क्या फ़ायदा;
वो बदल गया है खोया होता तो अलग बात होती।

घर बना कर मेरे दिल में वो छोड़ गया;
न ख़ुद रहता है न किसी और को बसने देता है।

सौ बार मरना चाहा उनकी निगाहों में डूब के;
वो हर बार निगाहें झुका लेते हैं, मरने भी नहीं देते।

हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है;
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है;
कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते हैं हम;
और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तहा 'मोहसिन';
हम पे नज़र पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

मिला वो भी नहीं करते, मिला हम भी नहीं करते;
वफ़ा वो भी नहीं करते, वफ़ा हम भी नहीं करते;
उन्हें रुस्वाई का दुःख, हमें तन्हाई का दर्द;
गिला वो भी नहीं करते शिकवा हम भी नहीं करते।

sms

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा;
बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा;
टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने;
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।

sms

कोई जुदा हो गया कोई ख़फ़ा हो गया;
यह दुनिया के लोगों को क्या हो गया;
जिस सजदे में मुझे उस को माँगना था रब से;
अफ़सोस वही सजदा क़ज़ा हो गया।

तुझे मोहब्बत करना नहीं आता;
मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ और नहीं आता;
ज़िन्दगी गुजारने के बस दो ही तरीके हैं;
एक तुझे नहीं आता और एक मुझे नहीं आता।

अजीब अँधेरा है साकी तेरी महफ़िल में;
हमने दिल भी जलाया तो भी रौशनी न हुई!

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