
रौशनी में कुछ कमी रह गई हो तो बता देना;
ऐ सनम दिल आज भी हाजिर है जलने को!

पूछा न जिंदगी में किसी ने भी दिल का हाल;
अब शहर भर में ज़िक्र मेरी खुदकुशी का है।

ये अलग बात है के दिखाई ना दे, पर शामिल ज़रूर होता है;
खुदकुशी करने वाले का भी, कोई ना कोई क़ातिल ज़रूर होता है!

दफ़न से पहले नब्ज़ जाँच लेना साहेब;
कलाकार उम्दा है, कहीं किरदार में ना हो!

सुना है उस को मोहब्बत दुआएँ देती है;
जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे!

मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब;
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये!

जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा!

हमारे सब्र का इम्तिहान न लीजिये,
हमारे दिल को यूँ सजा न दीजिये,
जो आपके बिना जी न सके एक पल,
उन्हें और जीने की दुआ न दीजिये!

मंजिल मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है;
हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है!

ख़्वाब, उम्मीद, तमन्नाएँ, तअल्लुक़, रिश्ते;
जान ले लेते हैं आख़िर ये सहारे सारे!