ये तो अच्छा है कि दिल सिर्फ सुनता है;
अगर कहीं बोलता होता तो क़यामत आ जाती।!
सिर्फ एक मोहब्बत की रौशनी ही बाकी है,
वर्ना जिस तरफ देखो दूर तक अँधेरा है।
मैं उस का हूँ, ये राज़ तो वो जान गया है;
वो किस का है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता।

ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा;
तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा;
कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं;
लेकिन तुम जिसको चाहो, वो खुश नसीब होगा!

हम भी कभी मुस्कुराया करते थे;
उजाले में भी शोर मचाया करते थे;
उसी दिये ने जला दिया मेरे हाथों को;
जिस दिये को हम हवा से बचाया करते थे।
कितने ही बरसों का सफर खाक हुआ;
उसने जब पूछा कहो कैसे आना हुआ!

मैं नहीं इतना घाफिल कि अपने चाहने वालों को भूल जाऊं;
पीता ज़रूर हूँ लेकिन थोड़ी देर यादों को सुलाने के लिए!
नाजुक लगते थे, जो हसीन लोग;
वास्ता पड़ा तो, पत्थर के निकले!
मेरी मौत पे किसी को अफ़सोस हो न हो;
ऐ दोस्त पर तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफर चला गया!

आँसू निकल पडे ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर;
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है!