एक अजब हाल है कि अब उस को;
याद करना भी बेवफ़ाई है!
वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी:
मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी!
लो फिर तेरे लबों पे उसी बेवफ़ा का ज़िक्र;
अहमद 'फ़राज़' तुझ से कहा न बहुत हुआ!
हम से क्या हो सका मोहब्बत में;
ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की!
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी;
बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी!
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने;
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है!
तुमने ही लगा दिया इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई;
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी!
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली!
उनकी बेवफाई का सिलसिला कुछ यूँ चला मेरे शहर में;
कि पूरा शहर ही अब दिल लगाने से डरता है!
इश्क़ होना किसी से नसीब की बात है;
वह वफादार हों ये भी नसीब की बात है!