sms

कभी तो दैर-ओ-हरम से तू आएगा वापस;
मैं मय-कदे में तेरा इंतज़ार कर लूँगा!

*मय-कदे: शराब पीने का स्थान, मदिरालय

sms

अब आ गयी है सहर अपना घर सँभालने को;
चलूँ कि जागा हुआ रात भर का मैं भी हूँ!

sms

सब्र ऐ दिल कि ये हालत नहीं देखी जाती;
ठहर ऐ दर्द कि अब ज़ब्त का यारा न रहा!

*ज़ब्त: सहन

sms

सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा;
मैं बूढ़ा होता जाता हूँ जवाँ होने की ख़ातिर!

sms

झूठ पर उस के भरोसा कर लिया;
धूप इतनी थी कि साया कर लिया!

sms

एक दो ज़ख़्म नहीं जिस्म है सारा छलनी;
दर्द बे-चारा परेशान है कहाँ से निकले!

sms

मेरा जी तो आँखों में आया ये सुनते;
कि दीदार भी एक दिन आम होगा!

*जी: दिल

sms

जितनी बँटनी थी बँट चुकी ये ज़मीन;
अब तो बस आसमान बाक़ी है!

sms

मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी;
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं!

*सहरा: रेगिस्तान

sms

तुम्हारी याद में दुनिया को हूँ भुलाए हुए;
तुम्हारे दर्द को सीने से हूँ लगाए हुए!

End of content

No more pages to load

Next page