sms

मैं हूँ दिल है तन्हाई है;
तुम भी होते अच्छा होता!

sms

चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले;
आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले!

sms

धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए;
ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए!

sms

बहाने और भी होते जो ज़िंदगी के लिए;
हम एक बार तेरी आरज़ू भी खो देते!

sms

मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ;
मेरे हमराह दरिया जा रहा है!

sms

दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है;
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं!

sms

रोने वाले तुझे रोने का सलीक़ा ही नहीं;
अश्क पीने के लिए हैं कि बहाने के लिए!

sms

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता;
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता!

sms

इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही;
दर्द कम हो या ज्यादा हो मगर हो तो सही!

sms

ये इल्तिजा दुआ ये तमन्ना फ़िज़ूल है;
सूखी नदी के पास समुंदर न जाएगा!

End of content

No more pages to load

Next page