अभी राह में कई मोड़ है कोई आएगा कोई जाएगा;
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो!
हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल;
दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है!
आज तो दिल के दर्द पर हँस कर;
दर्द का दिल दुखा दिया मैंने!
दीया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है;
चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है!
देखने के लिए सारा आलम भी कम;
चाहने के लिए एक चेहरा बहुत!
ज़िंदगी क्या जो बसर हो चैन से;
दिल में थोड़ी सी तमन्ना चाहिए!
तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है;
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती!
गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैंने;
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैंने!
अरमान वस्ल का मेरी नज़रों से ताड़ के;
पहले से ही वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के!
और तो क्या था बेचने के लिए;
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं!



